नई दिल्ली: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने के बाद गुजरात की पहल पर सवाल उठाते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा कि यह 21वें विधि आयोग की सिफारिशों के खिलाफ है, जिसका गठन मोदी सरकार ने किया था।
कांग्रेस के अनुसार समान नागरिक संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 में की गई परिकल्पना के अनुरूप केवल व्यापक चर्चा के बाद ही वास्तविक आम सहमति बनाने के उद्देश्य से आ सकती है और इसे देश को ‘स्थायी ध्रुवीकरण’ की स्थिति में रखने के लिए राजनीतिक साधन नहीं बनाया जा सकता।
गुजरात सरकार ने बनाई कमेटी
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू किए जाने के बाद गुजरात सरकार द्वारा राज्य में यूसीसी की आवश्यकता का आकलन कर मसौदा विधेयक तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के अधीन एक समिति गठित किए जाने पर पार्टी का यह दृष्टिकोण जाहिर किया।