Thursday, October 2, 2025
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ईरान पर हमले के लिए B-2 बॉम्बर 37 घंटे उड़े:हवा में फ्यूल भरा, पहाड़ के 295 फीट नीचे एटमी ठिकानों पर 14 हजार किलो के बम गिराए

अमेरिका ने रविवार सुबह (भारतीय समयानुसार 4:10 बजे) ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर 7 B-2 बॉम्बर से हमला किया। ये ठिकाने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में हैं।

ईरानी परमाणु ठिकानों पर मिसाइल गिराने के करीब 12 घंटे बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री और जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसमें जनरल डैन केन ने बताया कि ईरान में चले ऑपरेशन का नाम ‘ऑपरेशन मिडनाइट-हैमर’ था। इसमें 125 से ज्यादा जेट शामिल हुए थे।

हमले से पहले 37 घंटे उड़े B-2 बॉम्बर

हमला करने से पहले B-2 बॉम्बर विमान ने अमेरिका के मिसौरी व्हाइट-मैन एयरफोर्स बेस से भारतीय समयानुसार 20 जून को दोपहर करीब 3 बजकर 30 मिनट पर टेकऑफ किया था। इस विमान ने लगभग 37 घंटे तक बिना रुके उड़ान भरी और बीच हवा में कई बार फ्यूल भरा था।

B-2 बॉम्बर ने फोर्डो और नतांज साइट पर 30 हजार पाउंड (14 हजार किलो) के एक दर्जन से ज्यादा GBU-57 बम (बंकर बस्टर) गिराए। वहीं, इस्फहान और नतांज पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागी हैं। इन्हें 400 मील दूर अमेरिकी पनडुब्बियों से लॉन्च किया गया था।

ईरान को धोखा देने दो दिशा में गए बॉम्बर

जनरल केन ने बताया कि इस मिशन में धोखे की रणनीति भी अपनाई गई। इसमें कुछ बॉम्बर को प्रशांत महासागर में तैनात किया गया, ताकि ईरान को लगे कि हमला प्रशांत महासागर की तरफ से होगा, जबकि असली हमला व्हाइट-मैन एयरफोर्स बेस से किया गया।

जनरल केन ने कहा कि पूरा ऑपरेशन बेहद गुप्त था और इसकी जानकारी सिर्फ कुछ चुनिंदा अमेरिकी मिलिट्री लीडर्स को ही थी। उन्होंने बताया 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद से सबसे लंबा B-2 मिशन था।

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