लखनऊ | आसिफी मस्जिद: केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देशभर में नाराजगी बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी आफ़ताबे शरीयत मौलाना डॉ. कल्बे जवाद नकवी ने आसिफी मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी एजेंडे का हिस्सा बताया और सरकार पर तीखा हमला बोला।मौलाना ने कहा कि “बीजेपी कांग्रेस की शिशु पार्टी है, जो उसी तर्ज पर मुस्लिमों का उत्पीड़न कर रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि “पहले कांग्रेस के ज़माने में मुस्लिम विरोधी नीतियां बनाई जाती थीं, अब वही नीति बीजेपी भी अपना रही है। यह सरकार इज़राइल की नीति पर चलकर वक्फ संपत्तियों पर हमला कर रही है, लेकिन मंदिरों की संपत्तियों पर चुप्पी साधे हुए है।”
संशोधन विधेयक – मुस्लिमों की धार्मिक पहचान मिटाने की साजिश”मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिमों की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को खत्म करने की सोची-समझी साजिश है।उन्होंने सवाल उठाया, “जब हिंदू धर्मस्थलों की संपत्तियों को सरकार नहीं छूती, तो फिर वक्फ की संपत्तियों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?”उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि “अगर यह विधेयक पास होता है, तो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत पूरी क़ौम इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेगी और देशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
“मंदिरों का सोना गरीब हिंदुओं में बांटा जाए, सरकारी ज़मीनों पर बने लाखों मंदिर हटाए जाएं”मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने सरकारी ज़मीनों पर बने मंदिरों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देशभर में एक लाख से ज्यादा मंदिर सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से बने हैं, उन्हें हटाया जाना चाहिए।उन्होंने सुझाव दिया कि “मंदिरों का सोना देश के गरीब हिंदुओं में बांट दिया जाए, जिससे गरीबी खत्म होगी, डॉलर का मूल्य 90 से घटकर 20 रुपये तक आ सकता है और पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी गिर सकती हैं।”उन्होंने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “अगर सरकार निष्पक्ष है, तो पहले इन अवैध मंदिरों पर कार्रवाई करे। लेकिन हकीकत यह है कि सरकार सिर्फ मुस्लिमों के धार्मिक स्थलों और संपत्तियों को निशाना बना रही है।