नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जबसे राष्ट्रपति बने हैं, वे लगातार ऐसे निर्णय ले रहे हैं, जिनसे दुनिया हैरान है। नागरिकता कानून में बदलाव से लेकर मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलने और चीन जैसे देशों पर टैरिफ लगाने के एलान तक, ट्रंप ने कई बड़े फैसले आते ही ले लिए हैं इजराइल और हमास में तनातनी के बीच ट्रंप ने गाजा को लेकर भी ऐसा प्रस्ताव दिया है, जिससे मिडिल ईस्ट खासकर गाजा में हलचल मच गई है। ट्रंप की योजना है कि गाजा से फलस्तीनियों को निकालकर इस क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लेकर वहां का आर्थिक विकास किया जाए और नई बसाहट की जाए।
18 लाख फलस्तीनियों पर मंडराया बड़ा खतरा
- ट्रंप के इस फैसले से 18 लाख फलस्तीनियों पर गाजा से बाहर होने का खतरा मंडराने लगा है। ट्रंप इस क्षेत्र को सैनिकों की मदद से अपने कब्जे में लेकर इसका विकास करना चाहते हैं। ट्रंप ऐसा करते हैं तो उनका यह कदम इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के प्रति अमेरिका की दशकों पुरानी नीति से एकदम विपरीत होगा।
- टंप के गाजा को लेकर दिए गए इस प्रस्ताव को अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन भी माना जा रहा है। कई देशों ने तो यहां तक कह दिया है कि यह तो ‘जातीय सफाया’ वाला प्रस्ताव है।
- डोनाल्ड ट्रंप और इजराइल के प्रधानमंत्री के बीच मंगलवार को व्हाइट हाउस में बातचीत के दौरान ट्रंप ने गाजा पर कब्जे की बात कही। इस बातचीत में ईरान और बंधकों के विषय पर भी चर्चा हुई। ट्रंप ने चर्चा के बाद कहा
- ‘अमेरिका गाजा पट्टी पर अपना कब्जा करेगा और हम इस पर काम करेंगे। हम इस पर अपना आधिपत्य जमाएंगे। यहां मौजूद सभी खतरनाक हथियारों और बमों को नेस्तनाबूद करने की जिम्मेदारी हमारी होगी।’
- ट्रंप के इस बयान पर अरब देशों ने प्रतिक्रिया दी है। अरब देशों ने ट्रंप के इस प्रस्ताव को खतरनाक बताया। यह माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव के लागू होने से मिडिल ईस्ट में जारी अरब इजराइल विवाद और बढ़ जाएगा।
तो फिर गाजा में रह रहे लोगों का क्या होगा?
ट्रंप की गाजा पट्टी को कब्जे में लेने के बाद आर्थिक विकास करने की या कहें अपने मुताबिक नए सिरे से बसाने की योजना से गाजा पट्टी के फलस्तीनियों में भय बढ़ जाएगा। इजराइल हमास में जंग से पहले यह जनसंख्या 2.3 मिलियन थी। उन्हें तटीय पट्टी से बाहर निकाल दिए जाने का खौफ है। अरब देशों में भी इस बात लेकर चिंता है कि विस्थापन के बाद गाजा के लोग कहां जाएंगे?
गाजा के लोगों की चिंता के पीछे क्या है वजह?
- गाजा के लोगों की सबसे बड़ी चिंता तो यही है कि विस्थापित किया तो जाएंगे कहां। एक तो 7 अक्टूबर से शुरू हुई इजराइल हमास की क्षेत्रीय जंग से वैसे ही शोचनीय हालातों में रहने को गाजा के लोग मजबूर हैं। इजराइल की लगातार धमकियों व चेतावनियों ने उन्हें गाजा पट्टी में ही एक जगह से दूसरी जगह भागमभाग करने पर मजबूर कर दिया।
- उत्तरी गाजा खत्म करने की इजराइल की चेतावनी के बाद दक्षिणी गाजा की ओर बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन किया था। साथ ही रात दिन इजराइल हमलों से खौफ के साए में एक एक दिन गुजर रहा है। अब नई बला ट्रंप के गाजा पर कब्जे के प्रस्ताव की आई, जिसने गाजा के लोगों में भय पैदा कर दिया।