आगरा, विशेष संवाददाता: भारत के महान शहीद और न्यायविद क़ाज़ी नुरुल्लाह शुस्तरी (शहीद-ए-सालिस) की मजार पर एक ऐतिहासिक मजलिस का आयोजन हुआ, जिसमें एक अहम घोषणा की गई। सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी आफ़ताबे शरीयत मौलाना डॉ. कल्बे जवाद नकवी साहब ने ऐलान किया कि मजार-ए-शहीद-ए-सालिस पर हौजा हज़रत नुरुल्लाह शुस्तरी शहीद-ए-सालिस और पीसीएस-जे कोचिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। इस घोषणा को लेकर मौलाना साहब ने मजलिस में मौजूद हजारों लोगों से समर्थन मांगा और हाथ उठवाकर इसकी ताईद ली, जिससे यह मामला सुर्खियों में आ गया।
जहूर-ए-इमाम-ए-जमाना (अ.स) पर हुआ तफसीली बयान
इस भव्य मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना डॉ. कल्बे जवाद नकवी ने जहूर-ए-इमाम-ए-जमाना (अ.स) के बारे में तफसील से बयान किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के हालात जिस तरफ जा रहे हैं, वह इमाम-ए-जमाना (अ.स) के जहूर की आहट को तेज कर रहे हैं। हमें चाहिए कि हम खुद को उनके मानने वालों की तरह बनाएं और उनके मक्कार दुश्मनों से सावधान रहें।
वक्फ बोर्ड में बेमानी पर सरकार को घेरा, पूछा – सिर्फ वक्फ ही क्यों?
मजलिस के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने सरकार की वक्फ विरोधी नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार वक्फ बोर्ड में बेमानी को लेकर वक्फ खत्म करने का कानून बना रही है, तो फिर अदालतों, पुलिस विभाग और राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार को देखकर क्या ये विभाग भी खत्म कर दिए जाएंगे? उन्होंने इसे एक सोची-समझी साजिश करार दिया और कहा कि सरकार के इस कदम का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
भारत में भी शियाओं के खिलाफ साजिश
मौलाना साहब ने कहा कि जैसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में शियाओं पर जुल्म हो रहे हैं, उसी तरह भारत में भी शियाओं के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं। धार्मिक स्थलों, औक़ाफ़ की संपत्तियों और हक़ की आवाज़ उठाने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने सभी को सतर्क रहने और अपने हक के लिए लड़ने की ताकीद की।
हज कमेटी पर भी उठाए सवाल
मौलाना ने कहा कि हज कमेटी ऑफ इंडिया को लेकर भी बड़े घोटाले हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कैबिनेट मंत्री किरण रिजिजू की सरपरस्ती में हाजियों से 50-50 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं।ये भ्रष्टाचार का उन्मूलन नहीं भ्रष्टाचार का प्रलोभन है,उन्होंने तंज़ कसते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचार खत्म करने के नाम पर वक्फ बोर्ड को खत्म किया जा सकता है, तो हज कमेटी को भी क्यों न खत्म किया जाए?
औक़ाफ़ में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार डीएम की निगरानी में
मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने वक्फ संपत्तियों में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा जिम्मेदार जिलाधिकारी (डीएम) की निगरानी को ठहराया। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण लखनऊ का हुसैनाबाद ट्रस्ट है, जहां करोड़ों रुपये की संपत्तियों को बंदरबांट कर दिया गया। उन्होंने वक्फ की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की।
डॉ. हादी हसन जाफरी के वालदेन की बरसी पर आगरा पहुंचे थे मौलाना साहब
मौलाना डॉ. कल्बे जवाद नकवी साहब आगरा डॉ. हादी हसन जाफरी साहब के वालदेन की बरसी पर आयोजित मजलिस में शरीक होने के लिए आए थे।
ईरान से आए प्रतिनिधि मंडल ने की मुलाकात
इस ऐतिहासिक मौके पर ईरान से आए एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने भी मौलाना कल्बे जवाद नकवी साहब से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान भारत में शिया समुदाय के हालात, धार्मिक शिक्षाओं को बढ़ावा देने और औक़ाफ़ की सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा हुई।
प्रमुख हस्तियां रहीं मौजूद
इस मौके पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से:
मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी,सेव वक्फ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट सैयद रिजवान मुस्तफा,जनाब हसन अब्बास साहब,इश्तियाक एडवोकेट,सिब्ते हसन जाफरी,महमूद जाफरी,साबिर अली,हाशिम रज़ा साहब,अकील हुसैन,मोहम्मद हुसैन जाफरी,सज्जाद जाफरी उर्फ सनी,मीसम सोज ख्वान,साबिक खादिम-ए-मजार कंबर साहब,मौलाना आरिफ,मौलाना शबाब हैदर,नवहख्वान नैन साहब
मजार-ए-शहीद-ए-सालिस पर हौजा और कोचिंग सेंटर की स्थापना से न सिर्फ धार्मिक और शैक्षिक क्रांति आएगी, बल्कि इससे समाज में न्याय और इंसाफ की अलख भी जलेगी। मौलाना कल्बे जवाद नकवी साहब की इस पहल को जनता का जबरदस्त समर्थन मिला, और मजलिस में हाथ उठवाकर ली गई रज़ामंदी लंबे समय तक चर्चा का विषय बनी रहेगी।