Friday, June 20, 2025
No menu items!
spot_img

आज का एक्सप्लेनर:भारत-पाक टकराव में क्यों ₹4,350 सस्ता हुआ सोना, अभी खरीदना फायदेमंद या इंतजार करें

भारत-पाक के बीच संघर्ष शुरू होने से पहले सोने की कीमत लगातार बढ़ रही थी। 22 अप्रैल को तो 1 लाख के पार पहुंच गई थी। वहीं भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पहले, 6 मई तक सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 96,888 रुपए थी। फिर जैसे ही दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हुआ, तो सोने की कीमत गिरने लगी और 6 दिनों में ही सोना 4,350 रुपए सस्ता हो गया। यह हैरान करने वाली बात है, क्योंकि आमतौर पर जंग के माहौल में सोना महंगा हो जाता है।

आखिर क्यों जंग के माहौल में इतना गिर गया सोना, आगे गिरने की भविष्यवाणी क्या है और अभी खरीदें या इंतजार करें; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में

सवाल-1: पाकिस्तान पर भारत की मिसाइल स्ट्राइक से पहले सोने की कीमतों का ट्रेंड क्या रहा? जवाब: इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन यानी IBJA के मुताबिक, 1 जनवरी 2025 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपए थी। ये कीमतें भारत में ऑल टाइम हाई थीं। भारत-पाकिस्तान संघर्ष शुरू होने के ठीक पहले तक सोने की कीमतें 1 लाख रुपए के करीब पहुंच गईं। 22 अप्रैल को 10 ग्राम सोना 1 लाख रुपए में बिका, जबकि 6 मई को 96,888 रुपए रहा।

 

सवाल-2: भारतपाक के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद कैसे घटे सोने के दाम? जवाब: 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान पर मिसाइल स्ट्राइक कर दी। इसमें पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने तबाह हो गए। इसके बाद दोनों देशों के बीच जंग के हालात बन गए। अगले 3 दिन यानी 10 मई तक भारत-पाक के बीच ड्रोन्स अटैक और मिसाइल हमले हुए। इस दौरान सोने की कीमतें गिरने लगीं। IBJA के मुताबिक, 7 मई को सोना 97,426 रुपए था, जो 12 मई को 93,076 रुपए हो गया। 10 और 11 मई को बाजार बंद रहा। हालांकि, 13 मई को 1,268 रुपए की बढ़ोतरी के साथ सोने का दाम 94,344 रुपए पर पहुंच गया।

सवाल-3: भारत और पाकिस्तान के बीच जंग के हालातों में सोना सस्ता होने के फैक्टर्स क्या हैं? जवाब: केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर और बिजनेस एक्सपर्ट अजय केडिया कहते हैं, ‘जब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग के हालात शुरू हुए, तब दुनियाभर में 3 बड़े इवेंट्स और चल रहे थे, जिससे सोना सस्ता हो गया…

  1. अमेरिकाचीन ने 90 दिन के लिए टैरिफ कम किए
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अप्रैल में चीन के सामानों पर 145% टैरिफ लगाया था। जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर 125% टैक्स लगा दिया।
  • इस ट्रेड वॉर के बीच 10 मई को जिनेवा में अमेरिका और चीन ने बातचीत कर समझौता किया। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर लगने वाला टैरिफ 115% घटा दिया।
  • अब अमेरिका, चीनी सामान पर 30% और चीन, अमेरिकी सामान पर 10% टैरिफ लगाएगा। यह कटौती अभी 90 दिनों के लिए है।
  1. अमेरिकी डॉलर में मजबूती
  • अमेरिका और चीन में समझौते के बाद डॉलर मजबूत हुआ है। 12 मई को डॉलर इंडेक्स करीब 1% बढ़कर5 पॉइंट्स पर पहुंच गया, जो 10 अप्रैल के बाद सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है।
  • युद्ध या आर्थिक संकट की स्थिति में लोग सोने में निवेश करते हैं, क्योंकि यह सबसे सेफ इन्वेस्टमेंट माना जाता है। वहीं पूरी दुनिया में व्यापार डॉलर के जरिए होता है, इसलिए इसके मजबूत होने का मतलब है कि आर्थिक संकट का दौर नहीं आ रहा है।
  • ऐसे में डॉलर मजबूत होने से लोगों ने इसमें निवेश बढ़ा दिया और सोने में निवेश कम कर दिया। इससे सोने की कीमत कम हो गई।
  1. रूसयूक्रेन जंग पर ब्रेक
  • 11 मई को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ सीधी बातचीत करने का प्रस्ताव रखा। अब दोनों देश 15 मई को जंग रोकने पर बात कर सकते हैं।
  • इस खबर ने दुनियाभर में सोने की कीमतों पर असर डाला क्योंकि बीते 3 सालों से रूस-यूक्रेन युद्ध सोने को बहुत ज्यादा प्रभावित कर रहा था।

भारत-पाक तनाव के मुकाबले इन तीनों ही फैक्टर्स ने सोने की कीमत पर ज्यादा असर डाला। जब 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया तो तनाव थोड़ा कम हुआ। ऐसे में सोने के दाम और कम हो गए।

सवाल-4: अमूमन जंग के हालातों में सोने के दाम बढ़ने लगते हैं, इसकी वजह क्या है? जवाब: अजय केडिया के मुताबिक, जंग के हालातों में 3 बड़े कारणों से सोने के दाम बढ़ते हैं…

  1. शेयर मार्केट का गिरना
  • जब भी किसी देश में जंग के हालात बनते हैं तो सबसे पहले शेयर मार्केट पर असर पड़ता है यानी शेयर मार्केट गिर जाता है।
  • रूस-यूक्रेन की जंग के दौरान रूस का शेयर बाजार मॉस्को एक्सचेंज पहले ही दिन 10% से ज्यादा गिर गया था। कुछ कंपनियों के शेयर्स 30% तक लुढ़क गए थे।
  • इजराइल-हमास की जंग के दौरान इजराइल का शेयर मार्केट 7% तक गिर गया था।
  • शेयर मार्केट के गिरने पर इन्वेस्टर्स अपने शेयर्स बेच देते हैं और सोने में निवेश करते हैं, क्योंकि सोना दुनियाभर में ट्रेडिंग का जरिया है। इससे सोने के दाम बढ़ जाते हैं।
  1. प्रॉपर्टी मार्केट का गिरना
  • जंग के दौरान सोने के बाद सबसे ज्यादा असर प्रॉपर्टी पर पड़ता है, क्योंकि जंग वाले इलाकों और खासतौर पर बॉर्डर से सटे इलाकों में लोग अपनी प्रॉपर्टी बेचकर चले जाते हैं। इन पैसों को सोने में इन्वेस्ट किया जाता है।
  • सोने के जरिए किसी भी जगह खरीद-फरोख्त की जा सकती है, इसलिए लोग प्रॉपर्टी बेचकर सोना लेते हैं, फिर किसी सुरक्षित जगह जाकर सोने के बदले नई प्रॉपर्टी खरीद लेते हैं।
  • इस ट्रेड से सोने की कीमतें तेजी से बढ़ती हैं क्योंकि डिमांड बढ़ जाती है, लेकिन इकोनॉमी बिगड़ जाती है।
  1. डिजिटल गोल्ड की डिमांड बढ़ना
  • अमूमन लोग मार्केट जाकर सोना खरीदते हैं, लेकिन जंग के दौरान किसी सेंसिटिव इलाके में रहने वालों के लिए यह ज्यादा मुश्किल हो जाता है।
  • ऐसे में लोग डिजिटल गोल्ड खरीदना पसंद करते हैं। लोग अब एक क्लिक पर ऑनलाइन गोल्ड खरीदते हैं। इससे बाजार जाकर गोल्ड की क्वालिटी चेक करना और खरीदना जैसी झंझट खत्म हो जाती है।
  • इससे सोने की डिमांड भी बढ़ जाती है। इसके अलावा बॉन्ड प्राइस गिरने से भी सोना मंहगा हो जाता है।

 

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

ताज़ा ख़बरें